The smart Trick of Shodashi That No One is Discussing

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Celebrations like Lalita Jayanti underscore her importance, wherever rituals and choices are created in her honor. These observances are a testament to her enduring allure and the profound effect she has on her devotees' lives.

षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥

हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता

During the context of electric power, Tripura Sundari's splendor is intertwined with her toughness. She is not merely the symbol of aesthetic perfection but additionally of sovereignty and overcome evil.

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।

ഓം ശ്രീം ഹ്രീം ക്ലീം ഐം സൗ: ഓം ഹ്രീം ശ്രീം ക എ ഐ ല ഹ്രീം ഹ സ ക ഹ ല ഹ്രീം സ ക ല ഹ്രീം സൗ: ഐം ക്ലീം ഹ്രീം ശ്രീം 

Worshipping Goddess Shodashi is don't just about in search of substance get more info Gains but also concerning the interior transformation and realization of the self.

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।

भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।

Shodashi also indicates sixteen plus the belief is with the age of sixteen the Bodily entire body of the human being attains perfection. Deterioration sets in after sixteen many years.

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